छत्तीसगढ़छत्तीसगढ़/मध्यप्रदेशटेक्नोलॉजीदेशलाइफस्टाइलशिक्षाहेल्थ

कोयलीबेड़ा में बेमौसम बारिश से खरीफ फसल चौपट, किसानों ने मुआवजा और ऋण माफी की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन.

कोयलीबेड़ा में बेमौसम बारिश से खरीफ फसल चौपट, किसानों ने मुआवजा और ऋण माफी की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

कोयलीबेड़ा । कोयलीबेड़ा क्षेत्र के किसानों की मेहनत पर इस वर्ष बेमौसम बारिश ने पानी फेर दिया है। खेतों में कटाई के लिए पूरी तरह तैयार खड़ी खरीफ फसलें अचानक हुई वर्षा से बर्बाद हो गईं। कई जगह धान की फसलें खेतों में गिर गई हैं, जिससे दानों का अंकुरण शुरू हो गया है। वहीं, लगातार हो रही नमी से फसलों में कीट-पतंगों और बीमारियों का प्रकोप भी तेजी से बढ़ गया है। इस वजह से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

गंभीर स्थिति को देखते हुए कोयलीबेड़ा क्षेत्र के सैकड़ों किसान तहसील कार्यालय के सामने एकत्र हुए और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने उप संचालक कृषि विभाग, जिला कांकेर के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने सरकार से तत्काल राहत की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस बार बेमौसम बारिश और कीट प्रकोप के कारण फसल उत्पादन में भारी गिरावट आई है, जिससे किसानों की कमर टूट गई है।

किसानों ने ज्ञापन में कहा कि ऋणी किसानों को फसल बीमा योजना के तहत बीमा राशि शीघ्र प्रदान की जाए ताकि वे अपने आर्थिक संकट से उबर सकें। वहीं अऋणी किसानों को आपदा प्रबंधन कोष से मुआवजा राशि दी जाए, क्योंकि उन्होंने बिना किसी बीमा सुरक्षा के खेती की थी और अब पूरी तरह नुकसान झेल रहे हैं। इसके साथ ही किसानों ने वर्ष 2025-26 के लिए कृषि ऋण माफी की भी मांग उठाई, ताकि अगले वर्ष वे पुनः खेती कर सकें और अपनी जीविका चला सकें।

प्रदर्शन के दौरान किसानों ने कोयलीबेड़ा में जिला सहकारी बैंक की स्थापना की पुरानी मांग को भी दोहराया। उनका कहना है कि स्थानीय स्तर पर बैंक की सुविधा न होने से उन्हें हर छोटे-बड़े काम के लिए दूरदराज के क्षेत्रों का रुख करना पड़ता है, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होती है। यदि क्षेत्र में सहकारी बैंक की स्थापना हो जाती है, तो किसानों को ऋण, बीमा और अन्य आर्थिक सेवाओं का सीधा लाभ मिल सकेगा।

किसान बीराराम पोटाई, फूलसिंह उसेंडी, बसन्त ध्रुव, रजनाथ पोटाई, दिनेश आचले, पीलू राम उसेंडी,अशोक उसेंडी, राजाराम उसेंडी, परमेश्वर यादव, दलसिंह, राजूराम और बारसू समेत अन्य किसानों ने संयुक्त रूप से कहा कि प्रशासन और बीमा कंपनियाँ जल्द से जल्द सर्वे कर किसानों की फसल हानि का वास्तविक मूल्यांकन करें और मुआवजा राशि प्रदान करने की प्रक्रिया प्रारंभ करें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो किसान शासन-प्रशासन के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसानों के अस्तित्व और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

कोयलीबेड़ा क्षेत्र में इस बार की बेमौसम बारिश ने न केवल किसानों की फसलों को प्रभावित किया है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति पर भी गंभीर असर डाला है। अब किसानों को उम्मीद है कि शासन-प्रशासन उनकी व्यथा को समझेगा और जल्द राहत प्रदान करेगा ताकि वे आगामी रबी सीजन की तैयारी कर सकें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button